प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में पेट्रोलियम क्षेत्र से जुड़ी तीन प्रमुख परियोजनाओं को देश को समर्पित करेंगे।
इन परियोजनाओं में पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन विस्तार परियोजना के दुर्गापुर-बांका खंड और पूर्वी चंपारण और बांका में दो एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र शामिल हैं। बॉटलिंग प्लांट राज्य में एलपीजी की बढ़ती मांग को पूरा करके "आत्मनिर्भर बिहार" को सशक्त करेगा।
पूर्वी चंपारण और बांका में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की प्रतिदिन 80 हजार सिलिंडर की संयुक्त बॉटलिंग क्षमता है। बांका प्लांट बिहार के भागलपुर, बांका, जमुई, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिलों और पड़ोसी राज्य झारखंड के गोड्डा, देवघर, दुमका, साहिबगंज और पाकुड़ जिलों में काम करेगा।
इसी तरह, पूर्वी चंपारण प्लांट पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सिवान, गोपालगंज और बिहार के सीतामढ़ी और उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में पांच लाख से अधिक उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करेगा।
बांका प्लांट की लागत 131.75 करोड़ रुपये है जबकि पूर्वी चंपारण प्लांट की 136.4 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत दो संयंत्रों की परिकल्पना की गई थी। इन संयंत्रों ने आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग एक हजार लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
193 किलोमीटर लंबी दुर्गापुर-बांका पाइपलाइन खंड पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन विस्तार परियोजना का एक हिस्सा है, जिसके लिए प्रधानमंत्री द्वारा पिछले साल 17 फरवरी को आधारशिला रखी गई थी। दुर्गापुर-बांका खंड बिहार में बांका में नए एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र के लिए मौजूदा 679 किलोमीटर लंबी पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर एलपीजी पाइपलाइन का विस्तार है।
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