शुभ नक्षत्र शतभिषा नक्षत्र रात्रि 4 बजकर 25 मिनट तक तत्पश्चात पूर्वा भाद्रपद नक्षत रहेगा | शतभिषा नक्षत्र मे मुंडन ,जनेऊ ,देव प्रतिष्ठा ,वास्तु,,वाहन क्रय करना,विवाह ,व्यापर आरम्भ, बोरिंग,शिल्प ,विद्या आरम्भ इत्यादि कार्य विशेष रूप से सिद्ध होते है
चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन रात्रि कुम्भ राशि में संचार करेगा|
व्रतोत्सव – वरुथिनी एकादशी व्रत सबका ,श्री वल्लभाचार्य जयंती,पंचक
राहुकाल –प्रातः 9 बजे से 10.30 बजे तक
दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा मे दिशाशूल रहता है । यात्रा को सफल बनाने लिए घर से अदरक या उरद दाल खा कर निकले।
आज के शुभ चौघड़िये – प्रातः 7.39 मिनट से प्रातः 9.15 मिनट तक शुभ ,दोपहर 12.26 मिनट से सायं 5.13 तक चर,लाभ,और अमृत का चौघड़िया
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