
शुभ तिथि सप्तमी भद्रा संज्ञक तिथि अंत रात्रि 3 बजकर 50 मिनट तक तत्पश्चात अष्टमी तिथि रहेगी । सप्तमी तिथि मे विवाह आदी , गृह आरंभ सभी शुभ और मांगलिक कार्य शुभ रहते है पर पितृ कर्म, यात्रा वर्जित है ।सप्तमी तिथि मे जन्मे पुत्र या पुत्री सुन्दर , ऐश्वर्य युक्त , विद्यावान व कीर्तिमान होते है।
मृगशिर “मृदु ” संज्ञक नक्षत्र सायं 6 बजकर 44 मिनट तक तत्पश्चात आर्द्रा “तीक्ष्ण” संज्ञक नक्षत्र रहेगा | मृगशिर नक्षत्र मे यथा आवश्यक मांगलिक कार्य,पौष्टिक ,देवकृत्य इत्यादि कार्य सिद्ध होते है । मृगशिर नक्षत्र मे जन्म लेने वाला जातक उत्साही,चपल, सुमार्ग पर चलने वाला ,सुन्दर , धनवान, बुद्धिमान होता है
चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन मिथुन राशि में संचार करेगा |
व्रतोत्सव – जैन ओली प्रारम्भ
राहुकाल – दोपहर 3 बजे से 4.30 बजे तक
दिशाशूल – मंगलवार को उत्त्तर दिशा मे दिशाशूल रहता है । यात्रा को सफल बनाने लिए घर से गुड़ खा कर निकले ।
आज के शुभ चौघड़िये – प्रातः 9.27 मिनट से दोपहर 02.03 मिनट तक चर,लाभ,अमृत का और दोपहर 3.35 मिनट से सायं 5.08 तक शुभ का चौघड़िया
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